क्रूर भेड़ियों की संख्या दिन पर दिन इस दुनिया में चाहे जितनी भी बदती जा रही हों , क्षमा ,स्नेह और करुणा के नए -नए फूलों का उतनी ही मासूमियत मगर आत्मविश्वास के साथ खिलना भी आज बदस्तूर जारी है .
मुम्बई हमले में अजमल कसाब की गोलियों से छलनी अपने पति और बेटी को हमेशा -हमेशा के लिए खो चुकी अमेरिकी महिला शीर ने इसे साबित भी किया है .कल छः मई को अदालत कसाब को उसके करतूतों की सज़ा सुनाएगी और उसके खिलाफ साबित जुर्मों को देखते हुए ये तय सा माना जा रहा है कि अदालत उसे मौत की ही सज़ा सुनाएगी ..मीडिया के ज़रिये देश भर के हजारों लोग उसे फांसी की सज़ा देने की मांग भी कर रहें हैं .इनमें वे लोग भी शामिल हैं जिनने अपने परिवार के करीबी सदस्यों को खोने का दर्द सहा है .
इन सबसे अलग , अमेरिकन महिला शीर ने पीटीआई को ई - मेल भेजकर कसाब को फांसी नहीं देने की गुजारिश की है .नवभारत टाइम्स में छपे इस बयान में उसने कसाब को उम्र कैद की सज़ा देने की मांग की है .शीर ने कसाब के पुनर्वास और शिक्षा देने का समर्थन भी किया है ..
बेशक , शीर का ये बयान मन की आख़िरी परतों तक एक निर्दोष रूहानी खुशबू के अहसास को भर देने वाला है ..उनकी इन भावनाओं ...इन संवेदनाओं को मेरा सलाम ..यहाँ मैं साफ़ कर दूं कि मेरा मकसद कसाब को फांसी देने या ना देने के बहस में पड़ना नहीं है बल्कि शीर को उनके इस बयान के लिए शुक्रिया जताना है जिसे पदकर मैं अपने भीतर उस खूबसूरत खुशबू को पूरे अपनेपन के साथ पसरते हुए महसूस कर सका .(इसे मैंने लिखा तो पांच मई को था मगर तकनीकी कारणों से उसी दिन पोस्ट नहीं कर सका और अगले दिन पोस्ट किया ).S
Thursday, May 6, 2010
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...behad prabhaavshaali abhivyakti !!!
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