Monday, April 5, 2010

salaam saaniyaa....salaam chainalon

धन्यवाद सानिया ;...बहुत -बहुत धन्यवाद ! एक ही झटके मैं तुमने पूरे देश को सारी समस्याओं से मुक्त कर दिया !गरीबी, भूख, बेकारी ओर अभावों से उपजने वाली तमाम तरह की तकलीफों से सारे हिन्दुस्तान को तुमने निजात दिला दी!महान अर्थशास्त्री होने के बाद भी देश को अभूतपूर्व मंहगाई की आग से बचाने के मामले मैं हमारे प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह जी जहां चारो खाने चित नज़र आ रहे थे वहीं तुमने एक ही दांव मैं इसी महंगाई का देश से नामोनिशान मिटा दिया !अब इन दिनों चारों तरफ तुम्हारे ही नाम का डंका बज़ रहा है ! आज-तक, एनडीटीवी, जी न्यूज़,आईबीएन सेवन,इंडिया टीवी आदि-आदि देश के तमाम टीवी चैनलों मैं बस तुम ही तुम छाई हुई हो!तुम्हारे दमकते चेहरे पर मुग्ध होकर  महाराष्ट्र के किसानों ने भी आत्महत्या करते रहने के अपने अभियान पर फिलहाल रोक लगा दी है 1अब ये लोग तुम्हारी शादी होने के बाद अपने मरते रहने की मुहिम को आगे जारी रखने के बारे मैं सोचेंगे !...ओर अपने होने वाले शौहर को तो देखो!देश-विदेश जा-जाकर जिन्दगी भर चौके_छक्के मारते रहने के बाद भी उसे जितनी पब्लिसिटी नहीं मिली थी उससे सैकड़ों-हजारों गुना ज़्यादा पब्लिसिटी तुम्हारे साथ नाम जुड़ने मात्र से मिल गयी!मुझ कंगाल को भी पहले भूख के चलते रात-रात भर नींद नहीं आती थी मगर तीन-चार दिन पहले जबसे तुम्हारी शादी की चर्चा सामने आई है तबसे हर न्यूज चैनल मैं चौबीसों घंटे तुम्हारी मोहनी सूरत देखते_देखते भूख का ख्याल भी नहीं आता ! आज भी नहीं आ रहा है!उलटे,नींद खूब लग रही है ! कुछ इतनी अधिक बोझिल हो रही हैं पलकें कि पता नहीं सुबह खुल पाएंगी भी या नहीं!आँखें मुंदने से पहले ..सलाम सानिया ....सलाम न्यूज़  चैनलों....सलाम!

1 comment:

  1. आप की तमाम बातों से कहीं न कहीं देश के सारे हालात खुद ब खुद धरातल पर आ जाते हैं। चाहे सानिया की शादी हो या आई पी एल के छक्के सभी को इंतज़ार है चंद घंटों में निकलने वाले फैसलों का। सानिया की सनसनी अब उसके रैकट से तो जवाब दे ही चुकी है ऐसे में शोएब ने सानिया के लिए ऐश का काम किया है... सुर्खियाँ बटोरने के लिये स्टार किस हद तक जा सकते हैं ? आज के हालात कहीं न कहीं उस मंज़र को तफ्शील से बयां कर रहे हैं। महाराष्ट्र के किसान आज भी अपनी किसानी को लेकर उसी जद्दोज़हद में मशगूल हैं, आत्महत्या की दरें आज भी उसी तरह कायम हैं मगर देश का परम उपभोक्ता कहा जाने वाला मध्यमवर्ग इन खबरों में मशगूल है... मतलब ये नहीं कि महंगाई की मार झेलनेवाले उपभोक्ताओं ने रसोई में जाना छोड़ दिया? हाँ इस बात पर पूरा समर्थन है कि लोगों की निगाह अपनी बेटियों से अधिक सानिया की शादी को लेकर बेज़ार हुए जा रही हैं? सानिया के बयां और शाहिद की तानाखोरी ने इस पूरे रंगमहल में जैसे आग सी लगा राखी है? अपने औकात की दो रोटियाँ खा लेने के बाद देश का हर वर्ग उसी तरह छोटे रूपहले पर्दे से चिपक जाता है जैसे रविवार का रिश्ते बताता अखबार....
    सानिया भले ही तुम बेगानी हो जाओ या शोएब को हमारा करने पर मजबूर कर जाओ मगर इस देश का इतिहास गवाह है कि हमने दुश्मनों को भी गले लगा कर वह इज्ज़त बक्शी है जिस कि मिसाल आज दुनिया में कहीं नहीं है.... रही बात सुर्ख़ियों की तो हम हिन्दुस्तानी जलते मुकाम से लेकर ढहते मकान तक इसी तरह हर मौकों का इसी माकूल अंदाज़ में जवाब देते हैं...... भले ही दुनिया इसे हमारा भोलापन समझे कोई ऐतराज़ नहीं।
    संजय उपाध्याय.

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